...

3 views

Man and woman in Love, romance and sex


last post in quote section continues ✍️✍️✍️

I Love Old school romance...
अभी की movies में kiss को ही इतना vulgar बना देते है...
के किसी का kiss करने का मन करे ना तब भी वो न करेगा 😂😂 बाकी सब तो छोड़ ही दो...
जो नहीं करते वह भी दिखा देते हैं
वह भी इतने गंदे तरीके से...>>>
sex जितना ugly है नही उसे उतना ugly बना देते है।
हकीकत ये sex भी नहीं रहता.. what they show is हवस लगता हैं.. and that's so ugly..
हमारा बचपन अच्छा था..
मुझे तरस आती हैं अभी के बच्चो पर
बीचारे होश संभालेंगे उससे पहले तो sex का किडा उनके अंदर घुस जाएगा... 🤦‍♀️.. वो भी इतना ugly वाला
प्रेम से पहले तो sex उनकी ज़िंदगी में तांडव करने लगेगा..
और प्रेम से पहले यदि व्यक्ति sex में प्रवेश कर गया..
फ़िर वह कभी प्रेम को नही समझ सकता
sex ultimate होना चाहिए..
जो पुरुष ने प्रेम के रास्ते sex में प्रवेश किया..
sex के बाद उसका कभी रिश्तें से मन नही उठ सकता..
sex के बाद यदि किसी पुरुष का रिश्तें से मन उठ जाता हैं तो अर्थात.. उस रिश्तें में कभी प्रेम था ही नहीं..
वह रिश्ता सदा से sexual ही था...
प्रेम इतनी सहज घटना नहीं के शरीरिक होने पर घट जाए.. कम हो जाए
उल्टा यह और बढ़ना चाहिए
जबकि...
सच कहूं.. एक पुरुष यदि एक बार वाकई में किसी स्त्री के प्रेम में उतरने के बाद sex में उतरता हैं ना..
तो ये उसके लिए मुश्किल हो जाएगा के वो दुबारा किसी और से शरीरिक रूप से जुड़े...
प्रेम के रास्ते जब एक पुरुष sex में प्रवेश करता है
तो हकीकत उस पुरुष का प्रेम स्त्री से भी अधिक गहरा हो जाता है
एक पुरूष यदि वाकई किसी के प्रेम में पड़ कर किसी sex मे उतरता हैं तो हकीकत वह sex से ही मुक्त हो जाता हैं...
वह फ़िर दूसरी स्त्री का स्पर्श नहीं झेल सकता ..
जानते हो क्यों... 😊..
यह बहुत scientific हैं.. और थोड़ा spiritual भी 😊।
क्योंकि..
जब एक पुरुष प्रेम में पड़ कर किसी स्त्री में संमिलित होता हैं..
तब एक पुरुष का feminine side active हो जाता हैं। 😊...
(यह भी बहुत energetical होता हैं..
sex महज़ एक शरीरिक घटना नहीं.. जितना उपरी हमने इसे बना दिया हैं.. यह उतना उपरी नहीं..
कम से कम मनुष्य के सबंध में तो..
यह एक बहुत गहरी घटना हैं.. ऊर्जा के आदान प्रदान की)
और feminine बहुत समर्पित अवस्था होती हैं...
यही कारण हैं रिश्तों में अक्सर वफ़ादारी और समर्पण आप स्त्री के तरफ़ से अधिक देखते हैं...
स्त्री यदि वाकई स्त्री हैं तो
बुद्धि से वो अभी तक पुरुष नही हो गई हैं तो
क्योंकि आज कल स्त्री रूप में भी स्त्री का अभाव हैं ज़रा..
खैर उसका दोष नहीं इसका दाई मैं कल के समाज को मानती हूँ.. spring को जितना दबाओगे वह उतना उचा उछलेगा... आज की स्त्री के भीतर से भी यदि स्त्री खोती जा रही हैं तो इसका दाई कल का और थोड़ा आज का भी समाज ही हैं और ख़ास स्वयम पुरुष हैं।
खैर स्त्री यदि वाकई भीतर से भी स्त्री हैं तो..
वह समर्पित होती हैं...
किंतु बिरले ही पुरुष होते हैं जो समर्पित होते हैं..
स्त्री प्रेम में ही जनम लेती हैं..
इसीलिए समर्पण उसके भीतर ही होता हैं..
किंतु पुरुष के प्रेम मे उतरने के बाद अथवा प्रेम के ज़रिए स्त्री में सम्मलित होने के बाद ही वह अपने भीतर के समर्पण को उपलब्ध हो पाता हैं।
और यही कारण हैं पुरुष प्रेम से घबराता हैं..
क्योंकि वह समर्पित नहीं होना चाहता..
वह ख़ुद को खोना नहीं चाहता...
उसे लगता हैं समर्पित होने से उसकी आज़ादी चली जाएगी... वह वह नहीं रहेगा।
जबकि हकीकत सही माइने में
वह पहली बार मुक्त तभी होता हैं...
जब वह वाकई प्रेम में पुरा पुरा पड़ता हैं।
अन्यथा आजीवन वह बंधन में ही रहता हैं..
अपने sexual energy और अहम(Ego) के...
और सच कहूँ यही कारण हैं के एक पुरुष प्रेम मे अधिक सुंदर और अकार्शक् हो जाता हैं स्त्री की तुलना में..
क्योंकि एक स्त्री तो जनम से ही सुंदर होती हैं
क्योंकि वह प्रेम के साथ जनम लेती हैं..
किंतु पुरुष के जीवन में यह दुर्लभ घटना हैं..
और यही कारण हैं maximum पुरुष arrange marriages prefer करते हैं...
जबकि स्त्रियों का रुझान love marriage की तरफ़ अधिक होता हैं..
क्योंकि स्त्रियों के लिए ये बहुत कठिन घटना हैं के बिना प्रेम के किसी को वह ख़ुद को स्पर्श करने दे...
जबकि पुरुष बाहर affair रखेंगे फ़िर शादी की बारी आएगी तो कहेंगे शादी तो माता पिता की मर्ज़ी से ही होगी..
क्योंकि maximum पुरूष महज़ sex में ही satisfied हो जाते हैं..
love से मिले arrange से मिले क्या फ़र्क पड़ता हैं।
जब की एक स्त्री महज़ sex में satisfy नहीं हो सकती
she needs love when shn choose to be physical with someone
हालाँकि आज कल कुछ बड़े so called celebrities यह गुणगान करते हैं..
अपने आधे दिमाग का ज्ञान बांटते हैं
जिससे लड़के और भ्रमित होते हैं..
और लड़कीओं को नसीहत देते हुए..
that stop saying..
"that somebody has used you..somebody has used you..
you are a washing machine or what
that somebody will use you...
you enjoyed they enjoyed बात खतम "
वाकई...!?
you enjoyed they enjoyed बात खतम!?
इन्हें ही मैं स्त्री शरीर में पुरुष कहती हूँ..
जो स्त्री शरीर में होकर स्त्री की संवेदना नही समझती बलकी उसका मज़ाक बना देती हैं..
और स्त्रियों का जीवन already इतना कठिन हैं..
they contribute to make it more difficult...
because पुरुष यू ही स्त्री को समझ नही पाते और आप महिला होकर इस तरह का वक्तब् देते हैं
तो पुरुष एक नया भ्रम पाल लेते हैं
के स्त्रियों की सुई भी sex में ही अटकी रहती हैं...
उन स्त्रियों के लिए यह कहना सहज है जिनके खुदके multiple relationship रहे हैं...
उन्हें खुदको फर्क नहीं पड़ता कौन उन्हें छुएऔर हर कुछ दिन में जिनके boyfriend बदल जाते है
उनके लिए व्यक्तव् देना ज़रा सहज हैं..
वरना क्यों H.R नाम के शादी शुदा व्यक्ति के नाम पर आपने बवाल मचाया...
he enjoyed you enjoyed बात खतम ना...
इतने बवाल की क्या ज़रूरत थी।
और यदि आप इतने ही सीधे होते तो शादी शुदा व्यक्ति के साथ relatiohship ना बनाते...
आपके लिए यह कहना इसीलिए ही आसान था..
और क्योंकि आप sex को ek enjoyment की तरह देखती हैं..
emotional connection अथवा bonding की तरह नहीं...
एक लड़की वाकई यदि लड़की हैं..
तो वह बार बार अपने शरीर को किसी के लिए available नहीं कर सकती।

और उस पर..
दूसरी मैडम साहिबा कहती हैं..
that
"woman wants it as much as man wants it"
फ़िर लड़को को भ्रमित करने वाली बात हैं...
अब फ़िर एक पुरुष जब एक लड़की को देखेगा
इसी निगाह से देखेगा...
"oh yeah she wants it as much we want it "
अगर ऐसा ही होता ना तो संसार में rape कि घटना ना होती..
because a woman wants it as much a man wants it.. to बुरा क्या हुआ इसमें.. स्त्री को भी तो यही चाहिए था जैसा की इनके वक्तव में हैं..
(celebrity कि position पे बैठके ना अपना मुह बड़े होश पूर्ण होके खोलना चाहिए.. क्योंकि इतनी बड़ी भीड़ और ख़ास नया युवक युवतियाँ आपको follow कर रही होती हैं।)
खैर..
यही कारण हैं के पुरुष का rape नहीं हो सकता..
कम उमर में sexual asault हो सकता हैं.. वह भी maximum पुरुष द्वारा ही होता हैं..
स्त्री द्वारा पुरुष का rape नही हो सकता...
क्योंकि पुरुष का शरीर sex के लिए ही बना हैं..
किंतु स्त्री के साथ ऐसा नही हैं...
स्त्री प्रेम के लिए बनी हैं..
स्त्री प्रेम चाहती हैं...।
पुरुष sex चाहता हैं.. ।
स्त्री प्रेम चाहती हैं..
और इसी तरह तो maximum लड़के लड़कियों को trap करते हैं...
पहले मीठी मीठी बातें कर अपने प्रेम के जाल में डालते हैं और जब लड़की उन पर भरोसा कर उन्हें अपना सबकुछ दे देती है...
फ़िर वे अपना असली रूप दिखाते हैं...
और कुछ लोग उन्ही लड़कियों को ही बेवकूफ कहते हैं..
के किसने कहा था physical होने!?
यहाँ भी लड़की की गलती
मैं उन लड़कियों को बेवकूफ नहीं
मासूम कहती हु जो emotionally traped होकर
उस जाल में फँसी...
that's why I try to save all my girls....
जिन तक मेरी पहुँच हैं मै उनके लिए तो काम कर ही सकती हूँ...
atleast 25 से पहले तो ये सब पछड़ो में ना पड़े..
and after 25 आपो आप एक समझ आने लगती हैं।
कौन हवाई पतंग उड़ा रहा हैं..
कौन ज़मीनी हकीकत पर हैं बात समझ आने लगती हैं..
और तब तक अपने feminine को nourish करो और
अपने आपको mentally, spiritually emotionally इतना strong बनाओ..
के जब प्यार करो तो टूट कर करो,
रिश्ता निभाओ तो पूर्ण समर्पण से निभाओ..
और तब तुम आकर्षित भी ऐसे ही व्यक्ति को करोगी जो तुम्हारे प्रेम और समर्पण को deserve करता हैं...
आप जो हैं उसी को अपने जीवन में आकर्षित करते हैं..
lower vibration मे रहेंगे तो higher vibration का व्यक्ति आपके आस पास भी आएगा तो भी तुम उसे पहचान ना पाओगे..
only girls can save themselves
they only need a proper guide...
or ये so called celebrities..
जिस मामले मे उनकी समझ हैं नही
उस मामले में मुह बंद ही रखे तो अच्छा हैं..
फायदा तो कुछ करते नही उल्टा नुकसान ही कर देते हैं ये youngsters का...
हालाँकि मुझे अच्छा लगा second video जब मैंने देखा
एक लड़के ने इस बात पर अपनी असहमति जताई..
he said "no 80℅ लड़कियों के लिए emotional bonding अधिक important होती हैं
sex उनके लिए उतना important नही होता..
I hope those are in serious relationship will agree with me... "
मुझे अच्छा लगा चलो कोई तो पुरुष इस बात को समझा...
मैंने उस व्यक्ति को धन्यवाद दिया... ।
और..
"स्त्री यदि चाहती भी हैं ना तो वह उसी व्यक्ति का स्पर्श चाहती हैं जिससे वह प्यार करती हैं...
उसके इलावा किसी का नहीं...।
उसके अलावा किसी का नहीं!! "
आजीवन वह कुवारी रह जाएगी
किंतु अपने पुरुष के अलावा उसे किसी और का स्पर्स बर्दाश नहीं होगा।
(कम से कम बिना समर्पित हुए तो वह ख़ुद को physically available नहीं कर सकती..
जब तक दुबारा वह प्रेम में नहीं पड़ती..
हालाँकि प्रेम एक बार को ही काफ़ि हैं...बार बार की ज़रूरत नहीं होती, गहरे में प्रेम एक बार हो जाएं काफ़ि हैं।)
क्योंकि स्त्री प्राकृतिक रूप से ही समर्पित होती हैं..
उसके लिए यह बड़ी घटना नहीं.. यदि वो किसी को चाहती व प्रेम करती हैं।
किंतु एक पुरुष के लिए ये बड़ी घटना हैं...
और यही कारण हैं
एक पुरुष जब समर्पित होता हैं तो
वह एक स्त्री से भी अधिक सुंदर और आकर्षक हो जाता हैं।
बात और कोई नहीं, बड़ी ही scientific हैं..
man का feminine side activate हो गया...
जो सहज men में activate नहीं होता...
एक स्त्री के लिए स्त्री होकर भी masculine होना सहज हैं...
किंतु पुरुष के लिए यह सहज नहीँ..
rare घटना हैं।
एक स्त्री के लिए स्त्री होकर भी masculine होना सहज हैं...
जिसके उदाहरण आपको आज के युग में कई दिख जाएंगे.... एक स्त्री घर के लिए पैसा भी कमा के लाती हैं... घर, बच्चे, सास ससुर सबकी ज़िम्मेदारी बखूभी निभाती.. देश की सेवा भी करती हैं.. और अपने परिवार के प्रति उतना ही समर्पित भी रहती हैं।
एक single mother होके एक स्त्री man का काम भी करती हैं, घर को protection देने का काम भी कर रही हैं और.. परिवार को संभालते हुए एक माँ और एक woman का भी, nurture करने का काम भी बखूभी करती हैं.. ।
पुरुष के लिए मुश्किल हैं वह काम करना जो एक स्त्री करती हैं... क्योंकि एक पुरुष के लिए अपने feminine side को adopt करना बहुत मुश्किल होता हैं..
जबकि एक स्त्री अपने masculine side को तुरंत adopt कर लेती हैं।
क्योंकि feminine होंने के लिए बहुत सहनशक्ति चाहिए जो पुरुषों में कम हैं।

14.3.2024
1:35am
📖 #diary #Writing