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“जमाना”
ज़माना साथ होगा
मैंने भी सुना था ऐसा
मगर जब होश सम्भाला
ज़िंदगी की जदोजहद से
होने लगा सामना
नाकामियों ने जब घेरा
जमाने के तानो के नश्तरों ने
चीर दिया है सीना मेरा
इन घावों की पीड़ा
बन है सहारा मेरा
लड़ने से अब नहीं डर लगता
इस से ज़्यादा
क्या देगा ज़माना।
#ramphalkataria
© Ramphal Kataria
मैंने भी सुना था ऐसा
मगर जब होश सम्भाला
ज़िंदगी की जदोजहद से
होने लगा सामना
नाकामियों ने जब घेरा
जमाने के तानो के नश्तरों ने
चीर दिया है सीना मेरा
इन घावों की पीड़ा
बन है सहारा मेरा
लड़ने से अब नहीं डर लगता
इस से ज़्यादा
क्या देगा ज़माना।
#ramphalkataria
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