...

1 views

बारिश में सुबह की किरन...!!!
बारिश में सुबह की किरन, जब धरती पर आती है।
नवजीवन की नई उमंग, संग अपने लाती है।।१।।

मोतियों सा झिलमिलाता, हरे पत्तों का श्रृंगार।
मिट्टी की भीनी खुशबू, फैलाती चारों ओर प्यार।।२।।

ठंडी ठंडी हवाएँ चलें, संग संगीत सुनाती।
बारिश की बूँदें नन्ही, धरती पर नृत्य दिखाती।।३।।

नवांकुर फूटे धरा से, नई आशा का संदेश।
सूरज की किरणें मिलकर, भरती मन में आवेग।।४।।

नभ में रैन इंद्रधनुष, सपनों की छाया।
बारिश में सुबह की किरन, जैसे नवगीत की माया।।५।।

चहकते पंछी गाते, स्वर की मधुर लहरियाँ।
प्रकृति के आँचल में, खिलतीं नयी कलियाँ।।६।।

मन को सुकून मिलता, देख ये सुन्दर दृश्य।
बारिश में सुबह की किरन, जैसे हो स्वर्ग परियों का नृत्य।।७।।

हर बूँद में होती है, एक नयी कहानी।
प्रकृति के इस खेल में, छुपी अनमोल जवानी।।८।।

सपनों का संजोया आँगन, बारिश में भीगता।
सूरज की पहली किरण, सपनों को सच करता।।९।।

बारिश में सुबह की किरन, जैसे नयी उम्मीद जगाती।
प्रेम का दीप जलाकर, जीवन को रोशन कर जाती।।१०।।
© 2005 self created by Rajeev Sharma