...

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नज्में गजले।।
हज़ार दफा लिखता हूं
हज़ार दफा मिटाता हूं
मैं तुम पर शायरियां लिखता
नज्मे गजले गाता हूं
तुम शामिला हो मेरी हर फरिश्त में
मैं तुम्हारा जिक्र
हर पन्ने में करता जाता हूं
तुम दास्तां बन चुकी हो मेरी
मैं दास्तां सुनाता हूं
मैं तुम पर शायरियां लिखता
नज्में गजले गाता हूं ।।

~ सुनील तंवर