1 views
इसलिए हमें गुरु चाहिए ।
जो जैसा है, उसे हम वैसा का वैसा देख ही नहीं पाते इसलिए हमें उपदेशकों की जरुरत पड़ती है, इसलिए हमें पुस्तकों की जरुरत पड़ती है, इसलिए हमें समझाने वाले लोगों की जरुरत पड़ती है, इसलिए हमें दार्शनिकों की जरुरत पड़ती है। जो जैसा है उसे वैसा का वैसा जो देख ले वह सिद्ध हो जाता है, वह ज्ञानी हो जाता है।
© 🌍Mr Strength
© 🌍Mr Strength
Related Stories
0 Likes
0
Comments
0 Likes
0
Comments