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पता नहीं ✍️
मेरी उससे बात बंद हो गई,
वजह क्या थी पता नहीं।
उसका मुझ से बोलना बंद हो गया,
शिकायत क्या थी पता नहीं।
सुना है तुमने किसी और को हमसे ज्यादा चाहा है,
कमियां किसमे थी पता नहीं,
हर बार केशव ! हर बार
उम्मीद लगाए बैठते है,
पर कैसे टूट जाता है पता नहीं।
पता नहीं गलती किसकी है जो,
गलतफहमी में तब्दील हो गई,
मिले जब हम तो बाते न हो पाई,
इंतजार किसका पता नहीं।
खत्म रही हम दोनो की मोहब्बत ,
जो कब हुआ पता नहीं।।
#writcopoem
#writewithme
@theA8436
© ❤️
वजह क्या थी पता नहीं।
उसका मुझ से बोलना बंद हो गया,
शिकायत क्या थी पता नहीं।
सुना है तुमने किसी और को हमसे ज्यादा चाहा है,
कमियां किसमे थी पता नहीं,
हर बार केशव ! हर बार
उम्मीद लगाए बैठते है,
पर कैसे टूट जाता है पता नहीं।
पता नहीं गलती किसकी है जो,
गलतफहमी में तब्दील हो गई,
मिले जब हम तो बाते न हो पाई,
इंतजार किसका पता नहीं।
खत्म रही हम दोनो की मोहब्बत ,
जो कब हुआ पता नहीं।।
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