...

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तुम बिन 😔😔
जा रही हो मुंह मोड़कर, दिल तोड़कर
सरेराह अकेले बीच मंझधार छोड़कर,

एक बात तो बताती जाओ मुझे तुम
कैसे तुम, कैसे मैं जी पाऊंगा बिन तुम,

कितनी आसानी से प्यार नहीं कहती हो
पता ही कहां तुम्हें धड़कन में रहती हो,

तुम्हारे बिना ज़िंदगी बिताने की बात दूर
तुम मेरे दिल का चैन और आंखों का नूर,

बेहद मोहब्बत है तुमसे बतलाऊं कैसे
समझती नहीं कुछ, तुम्हें समझाऊं कैसे,

एक पल में दिल झटककर चल दी
इतना तो कहो कि क्या हुई गलती,

अश्क भी न समझी, हरफों की बात कहां
तड़प कितनी, शब्दों की बिसात ही कहां!

© सुधा सिंह 💐💐