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तेरे शृंगार पे मेरा नाम
तेरे हाथों को कंगन ,
तेरे माथे पे बिंदिया ,
होठों की सुर्खी ,
और आंखों का काजल ,
देखते है यह दुनिया वाले ,
तेरे दिल में सजा एक घर है मेरा ,
जिसे मेरे सिवा कोई देख न पाए ।
तेरे दिल की चार दीवारों में ,
मेरे महकते है सपने ,
मेरे साथ तेरी दुनिया ,
उस घर मेरा बसेरा ।
मेरे नाम से तेरा नाम ,
मेरी दुनिया सवारना तेरा काम ,
सुबह से शाम तेरा मेरे नाम ,
बस उस दिन का इंतजार है ,
जब तेरे सिंगार के सिंदूर पे हो मेरा ही नाम।
#lafzbykabir
© lafzbykabir
तेरे माथे पे बिंदिया ,
होठों की सुर्खी ,
और आंखों का काजल ,
देखते है यह दुनिया वाले ,
तेरे दिल में सजा एक घर है मेरा ,
जिसे मेरे सिवा कोई देख न पाए ।
तेरे दिल की चार दीवारों में ,
मेरे महकते है सपने ,
मेरे साथ तेरी दुनिया ,
उस घर मेरा बसेरा ।
मेरे नाम से तेरा नाम ,
मेरी दुनिया सवारना तेरा काम ,
सुबह से शाम तेरा मेरे नाम ,
बस उस दिन का इंतजार है ,
जब तेरे सिंगार के सिंदूर पे हो मेरा ही नाम।
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