...

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एक शाम,,,💞
बैठ कभी मेरे सामने वक्त
निकाल कर
मुझे तुझ से बहुत सारी बातें करनी है
बताना है,,, क्यों
जागती रहती हूं रात भर
क्यों ,,,,एक एक सितारा रट लिया है मेने
अब पढ़ रही हूं
उनकी चाल कि,,,
कभी तो वो त्रिकोण बनेगा,
जिसमे
तुम्हें मांगने पर खाली नहीं लौटाया
जायेगा मुझे,,,
ये तुम क्यों
झांक रहे हो मुझ मे
ये क्या टटोलना चाहते हो तुम
क्या तुझे अब तक
किसी ने खबर
नहीं दी,,,,,,की,,,,,,
मैं अब वहां नहीं
रहती हूं,,,
वहां अब बस मेरा सांस लेता शरीर है
जो अब भी तुम्हारी आस किए है
जिसे आज भी,,,,
इंतजार में हैं एक
सकून भरी शाम का
,,,,,तुम्हारे साथ,,,,💞,
© char0302