...

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रिवायत है प्यार की🍁🍁🍁
भरोसा करना,,,और,,,धोखा खाना
बहुत सीधी सी है रिवायत है प्यार की

बंद हो जाएगी पर उठेंगी नहीं मेरी आंखे
जब भी बात चलेगी महफिल में यार की

रख लेता मेरा भ्रम , तू ही आ जाता मिलने
मेरे रिश्ते को खा गई एक झूठी जिद्द मयार की

तेरा नाम ले- हम सांसों को थाम लेते हैं
जब भी बात चलती है दिल-ए-करार की

चश्म-बरह मर जाएंगे, पर उसके दर से न उठेंगे
हमे तो जिंदा ही रखे हैं तसल्लियां दीदार की

बदलने दे मौसम , सब बदल जाएगा फिर
फिर से हम बनेंगे सुर्खियां तेरे अखबार की
© char0302