...

1 views

नया दौर
बो दिन अब नही रहे
ज़ब शायरी महलो की शान हुआ
करती थी
अब वो महलो का ज़माना तो न जाने कहा गया.. लेकिन शायरी और नजमे अब शहर की हर गली
कुछे की महफिलो में सुनी और सुनाई जाने लगी है

Related Stories