...

2 views

बार बार कोशिश की
बार बार कोशिश की,
अब की बार थक गई हूं,
मेरी आंखों को तुम पढ़ तो लो,
दरिया वहां बैठा है ,
प्यार की गहराई को समझ तो लो,

एक पल में एक बूंद जो गिरती है,
हर बूंद में ,
तेरे नाम की गुंजन है,
ए हवा ! उसका द्वार तक तो पहुंचा दो,

ए हवा ! इतना तेज ना बहना,
झोंके से ये चिराग बुझ ना जाए,

हां ! चिराग बुझने से पहले ,
तेज जो होता है,
उसी लौ में,
आखों को नहाने दो,
वही एक पल ,
उसकी झलक,
मेरी आंखों को निहारने दो,

"बार बार कोशिश की,
कोई तो मोल होगा,
मेरी जान जाने से पहले, मेरी जान से,
एक पल के लिए सही,
मिलने दो।"
© Aditya N. Dani #WritcoQuote #writercoapp