नंबर से ज्यादा मायने रखती है परीक्षा
Art Credit - Bidhi Gandhi
श्रुति क्लास की टॉपर है जो किसी से बोलती नहीं
श्रुति के दोस्त इसलिए नहीं बनते क्योंकि वो सबमे तुलना करती उसे लगता वही सबसे ज्यादा नंबर लाती है
रीना श्रुति की बचपन की सहेली होती
पर अब वो भी नोट कर रहीं थीं
श्रुति मे काफी बदलाव हुआ है
वो अब किसी को कुछ नहीं समझती
श्रुति हर बार क्लास टेस्ट के लिए तैयार रहती
पर किसी की मदद के लिए आगे ना आती बल्कि थोड़ा अंहकार हो गया था
क्योंकि टीचर के पूछते ही और कोई हाथ खड़े ना करे श्रुति जरूर हाथ खड़े करती थी की उसे जवाब पता है
Exam से 20 दिन पहले
श्रुति बीमार हुई की उससे 3 - 4 दिन स्कूल नहीं जाया गया
वो ठीक होने लगी पर अभी भी उससे बैठा नहीं जाता था कमजोरी के कारण
श्रुति आराम करती
अब उसे पढ़ाई का डर सताने लगा की कैसे होगा कोर्स पूरा
अब श्रुति समझ गयी वो जो सभी का नंबर के लिए मज़ाक उड़ाती थी आज उसकी वही सिचुएशन है
अगले एक दो दिन और श्रुति स्कूल ना जा सकीं
जब श्रुति ने वापस स्कूल जाना शुरू करा
टीचर स्टूडेंट्स सभी ने पूछा तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना अब
सभी को तबियत का पूछने पर श्रुति के आंसू निकल गए जिन्हें उसने कुछ नहीं समझा था आज वही काम आ रहे थे
क्लास खत्म हुई रीना श्रुति के पास आकर बैठी और अपने नोट्स दिए
ये लो जितने दिन तुम नहीं आयी वो सब नोट्स
श्रुति ये सुनते ही रीना के गले लग गयी
अब श्रुति का अहंकार टूट चुका था
श्रुति नोट्स घर पर ले गयी
अगले दिन नोट्स लौटा दिए
अब दोनों साथ बैठकर exam की तैयारी करती
Exam के दिन पास आ रहे थे
दोनों बहुत तैयारी करने लगी
कोई पूछता तो उनकी भी मदद कर देती
Exam हुए
जब एक महीने बाद रिजल्ट आया
दोनों ही फर्स्ट डिवीजन पास हुई थी
दोनों की खुशी का ठिकाना ना रहा
श्रुति रीना के गले लग गयी
रीना ने कहा नंबर मायने नहीं रखते बस मायने रखता है परीक्षा देना सफ़ल होना और असफ़लता मिली हो तो उससे कुछ सीखना और सफ़ल होना
श्रुति ने हाँ मे सर हिलाया ।
समाप्त
18/6/2024
1:29 प्रातः
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© ©मैं और मेरे अहसास
श्रुति क्लास की टॉपर है जो किसी से बोलती नहीं
श्रुति के दोस्त इसलिए नहीं बनते क्योंकि वो सबमे तुलना करती उसे लगता वही सबसे ज्यादा नंबर लाती है
रीना श्रुति की बचपन की सहेली होती
पर अब वो भी नोट कर रहीं थीं
श्रुति मे काफी बदलाव हुआ है
वो अब किसी को कुछ नहीं समझती
श्रुति हर बार क्लास टेस्ट के लिए तैयार रहती
पर किसी की मदद के लिए आगे ना आती बल्कि थोड़ा अंहकार हो गया था
क्योंकि टीचर के पूछते ही और कोई हाथ खड़े ना करे श्रुति जरूर हाथ खड़े करती थी की उसे जवाब पता है
Exam से 20 दिन पहले
श्रुति बीमार हुई की उससे 3 - 4 दिन स्कूल नहीं जाया गया
वो ठीक होने लगी पर अभी भी उससे बैठा नहीं जाता था कमजोरी के कारण
श्रुति आराम करती
अब उसे पढ़ाई का डर सताने लगा की कैसे होगा कोर्स पूरा
अब श्रुति समझ गयी वो जो सभी का नंबर के लिए मज़ाक उड़ाती थी आज उसकी वही सिचुएशन है
अगले एक दो दिन और श्रुति स्कूल ना जा सकीं
जब श्रुति ने वापस स्कूल जाना शुरू करा
टीचर स्टूडेंट्स सभी ने पूछा तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना अब
सभी को तबियत का पूछने पर श्रुति के आंसू निकल गए जिन्हें उसने कुछ नहीं समझा था आज वही काम आ रहे थे
क्लास खत्म हुई रीना श्रुति के पास आकर बैठी और अपने नोट्स दिए
ये लो जितने दिन तुम नहीं आयी वो सब नोट्स
श्रुति ये सुनते ही रीना के गले लग गयी
अब श्रुति का अहंकार टूट चुका था
श्रुति नोट्स घर पर ले गयी
अगले दिन नोट्स लौटा दिए
अब दोनों साथ बैठकर exam की तैयारी करती
Exam के दिन पास आ रहे थे
दोनों बहुत तैयारी करने लगी
कोई पूछता तो उनकी भी मदद कर देती
Exam हुए
जब एक महीने बाद रिजल्ट आया
दोनों ही फर्स्ट डिवीजन पास हुई थी
दोनों की खुशी का ठिकाना ना रहा
श्रुति रीना के गले लग गयी
रीना ने कहा नंबर मायने नहीं रखते बस मायने रखता है परीक्षा देना सफ़ल होना और असफ़लता मिली हो तो उससे कुछ सीखना और सफ़ल होना
श्रुति ने हाँ मे सर हिलाया ।
समाप्त
18/6/2024
1:29 प्रातः
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