...

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संगत
जब दूसरे की चीजे ही लोगों को रास आने लगती है तो वो मेहनत करना अच्छा नहीं लगता
खुद की चीजों मे उन्हें खुशी नहीं मिलती


अतुल और केतन दो दोस्त होते हैं
अतुल ने केतन को सदा सही राय दी

स्कूल के बाद अतुल की कॉलेज कम्प्लीट हुई उसके बाद जॉब के लिए अलग शहर मे जाना पड़ा
अब दोनों दोस्तों को अलग होना पड़ा

अतुल के दूसरे शहर जाने के बाद
केतन कुछ दिन तो सही रहा

पर धीरे धीरे उसका रुझान गलत लोगों की तरफ होने लगा

वो रात को देर से आने लगा
भगवान को सदैव याद करने वाला केतन
अब सब कुछ भूलने लगा

मिहिर केतन को उकसाता था
हम है ना तुम्हारे साथ क्यों अतुल को याद करते हो

मिहिर ने केतन को शराब की लत भी लगा दी
केतन कई कई दिन तक घर नहीं जाता था

उसके घर के लोग चिंता मे रहते
जब केतन घर जाता तो उससे घरवालों की कहा सुनी हो जाती
तो उसने घर जाना बंद कर दिया

केतन ने मिहिर को कहा उसकी और घर के लोगों की कहा सुनी हो गई उसने घर छोड़ दिया है
यही तो मिहिर चाहता था
उसने अपने दोस्त समीर को फोन पर कुछ कहा

केतन इंतजार करने लगा
थोड़ी देर मे मिहिर केतन के पास आया और मैंने अपने दोस्त समीर से बात की
तुम्हारे लिए रहने की व्यव्स्था हो गयी

केतन ने Thanks कहा
केतन को मिहिर अपनी बाइक पर ले गया घर बताया

केतन को घर पसंद आया
केतन उसमे रहने लगा

दरअसल वो नहीं जानता था ये किसी और का घर है और गलत लोगों की संगत मे फंस गया है

कुछ दिन बाद मकान मालिक आया आप कौन पूछने लगा
केतन ने कहा ये मेरे दोस्त का घर है उसने मुझे यहां रहने को कहा है

कौन दोस्त मैं आपको नहीं जानता
आप नहीं मेरे दोस्त मिहिर और उसके दोस्त समीर का घर है ये
आपको शायद गलतफहमी हुई है ये मेरा घर है

कुशल ने घर के कागज बताये
अब हुआ यकीन

हाँ आप सही कह रहे
वो तो मैंने समझदारी से काम लिया मुझे लग गया था तुम्हें किसी ने अपनी बातों मे घुमाया

पर समीर और मिहिर तो मेरे दोस्त है
नहीं उनका यही काम है तुम जैसे लोगों को उल्लू बनाते


उसी समय केतन ने अतुल को टेक्स्ट करा यार पहले तो मेरा दोस्त बना फिर मुझे अपनों से दूर करा
फिर अपना मकान बताया और जबतक चाहू रह सकता फिर मकान मालिक आ गए कुछ दिनों बाद
तब पता पड़ा मेरे साथ क्या खेल हुआ


अब मैं कहां जाऊँ अतुल 😪
पहले तू हिम्मत से काम ले
अपने घरवालों से अभी बात कर
उन्हें बता जो भी कुछ हुआ

नहीं यार तू आजा पहले उसके बाद मुझमे हिम्मत नहीं
मैं तुरंत निकलता हूं


थैंक्स अतुल 😪
रो मत मैं पहले भी तेरे साथ था आगे भी रहूँगा

अतुल रात तक घर पर आ गया
घंटी बजायी
पर केतन तो इंतजार कर रहा था कैसे जाए घर कैसे सामना करे घरवालों का

अतुल ने केतन को फोन लगाया पूछा कहां है तू
मैं घर से आधा किलोमीटर दूर हूं

जल्दी घर आ जा तेरा इन्तज़ार कर रहा हूं

जल्दी ही केतन घर आ गया

केतन ने अतुल को आगे करा और वो उसके पीछे खड़ा हो गया

अतुल ने घंटी बजायी
केतन की मम्मी ने दरवाज़ा खोला
कौन है ?

नमस्ते आंटी मैं केतन का दोस्त

पता नहीं कहां गया मेरा बेटा मुझे डर लग रहा है वो गलत लोगों के बीच फंस गया है

इतने मे केतन धीरे से सामने आया डरा हुआ

माँ ने केतन को गले लगा लिया
केतन के आंसू नहीं रुक रहे थे

केतन इतना ज्यादा डरा हुआ था उसके मुँह से शब्द नहीं निकल रहे थे

अतुल ने केतन की मम्मी को पूरी बात बताई
केतन की मम्मी को पहले तो गुस्सा आया पर केतन की हालत देखकर उन्होंने गुस्सा प्रदर्शित नहीं करा और केतन को अपने सीने से लगा लिया

माँ ने आज तक केतन को कभी भी इतना डरा हुआ नहीं देखा था

माँ ने अतुल को और केतन दोनों को पानी दिया
थोड़ी देर मे अतुल वापस जाने लगा और कहा जब भी जरूरत हो मेरी बस एक बार आवाज लगा देना

ये कहकर अतुल चला गया
माँ ने केतन को कहा
मुझे तुझपर गुस्से से ज्यादा डर लग रहा था
की तुझे कुछ. हो जाता तो सोचकर ही डर लगता है

मानती हूं तुझे मेरी सब सलाह नहीं पसंद आती होगी पर इसका मतलब ये नहीं तुम ऐसे लोगों के साथ उठने बैठने लगे
माँ मुझे नहीं पता समीर और मिहिर ऐसे है पता होते ही वहां से निकल गया

तेरा दोस्त वाकई अच्छा है अपने काम भूलकर तेरी मदद के लिए आया उसकी आंखे बता रहीं थीं सब तुम दोनों की दोस्ती को नजर नहीं लगा सकता

ये सुनकर केतन के खुशी मे आंसू निकल गए ।


समाप्त
25/6/2024
9:05 रात्रि

© ©मैं और मेरे अहसास