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"वो कौन थे" (wrong number)
सोमिल एक टेलीफोन एक्सचेंज विभाग में कार्य करता था और रोज रात के समय उसकी डियूटी लगा करतीं थीं।
ये उन दिनों की बात है जब न मोबाइल फोन थे न गूगल का ही कोई वजूद था ।
रात भर काम करके वो सुबह घर आकर कुछ देर आराम करता फिर घर के दूसरे कार्यो में लग जाता था,शाम को कुछ वक्त बच्चों के साथ बिताता फिर रात सात बजे से वो अपनी डियूटी पर चला जाता था,जब उसकी सुबह की डियूटी होती तब उसके लिए अच्छा समय होता था खैर एक दिन की बात है उसकी एक हफ्ते के लिए रात की डियूटी लगीं तो वो खाना खाकर वो अपने ओफिस पहुँच गया।
सभी अपने अपने कुर्सियों में फोन में व्यस्त थे।
वो भी जाकर अपनी कुर्सी मे पसर गया।
तभी फोन की घंटी घनघना उठीं ये एक ट्रंक कौल थीं केरल से,उसनें जल्दी से फोन सुना कोई तामिल भाषा में एक लड़की से तामिल में बात करने लगा उसनें जल्दी से फोन कनेक्ट कर दिया,लगभग आधे घंटे तक दोनों में बात होती रही,सौमिल को उत्सुकता जागी कि आखिर दोनों इतनी देर तक क्या बातें कर रहे है तो वो फोन सुनने लगा सौमिल को थोड़ी बहुत तामिल आती थी उसनें सुना लड़की उस लड़के से बेपनाह मोहब्बत करतीं थीं और कह रही थीं कि तुमको सोचते हुए सारा दिन गुज़र जाता है मै तुम्हारे बिना नहीं रह सकती...... और लड़का भी अपने दिल का हाल सुना रहा था।
कुछ देर वो सुनता रहा फिर उसने अपना कान हटा लिया।
सुबह वो घर पहुँचा और रोज की तरह अपने घर के कार्यो में व्यस्त हो गया। रात को खाना खाकर वो फिर अपने औफिस की ओर चला इस दौरान वो पिछली रात वाली बात भुला चुका था।
वो जाकर फिर अपनी कुर्सी पर बैठ गया,इस दौरान कई कौल आतें रहे और वो कनेक्ट करता रहा आधी रात के लगभग फोन की घंटी बज उठीं उसनें जल्दी से फोन सुना तो देखा लाईन पर फिर वही तामिल लड़का था उसनें जल्दी से फोन जोड़ दिया और दोनों बातें करने लगे,कुछ देर बाद सौमिल ने फोन सुना तो दोनों किसी बात पर बहुत हंस रहे थे सौमिल भी मुस्कुरा दिया और वापस से फोन रख दिया,कुछ देर बाद दोनों ने फोन काट दिया।
इसी तरह कई दिन गुज़र गए।
एक रात सौमिल ने दोनों की बातें सुनीं तो पता चला लड़की की शादी तय हो गई थी और वो रो रो कर लड़के से कह रहीं थी कि यदि उसका विवाह किसी और से हो गया तो वो अपनी जान दे देगी, लड़का उस लड़की को सात्वना देने लगा कि वो जल्द ही कुछ करेगा उसके बाद उसनें फोन रख दिया।
दूसरे दिन सौमिल को उत्सुकता हुईं कि देखें अब क्या होगा मगर वो रात भर इंतज़ार ही करता रह गया लेकिन कोई कौल नहीं आई सौमिल को चिंता होने लगी कि पता नहीं क्या हुआ होगा,खैर दूसरी रात भी कोई कौल नहीं आई तो सौमिल चितिंत हो उठा । अगले दिन उसनें खुद ही कौल करके बात करने की सोची,पता नहीं क्यों इस दौरान सौमिल को भी उनसे लगाव सा हो गया था खैर कांपते हाथों से उसनें कौल मिलाया तो उसे पता चला कि ये नंबर मौजूद नहीं है सौमिल को घोर आश्चर्य हुआ और उसनें फिर फोन मिलाया पर इस बार भी उसे वही सुनने को मिला।
सौमिल ने फिर फोन के वो दस्तावेज देखने की सोची जिसमें बंद हुए तमाम नंबर और उनके बंद होने के वर्ष भी अंकित थे खैर सौमिल वो दस्तावेज घर ले आया और घंटो उसमें वो नंबर ढूढनें लगा आखिर काफी जद्दोजहद के बाद उसे वो नंबर मिल गया उसमें उस नंबर के बंद होने की तिथि १८ तारीख़ और वर्ष १९५० अंकित थीं सौमिल का सर घूम गया कि अगर ये नंबर तीस वर्ष पहले ही बंद हो चुकी है तो वो दोनों कौन थे जो इस नंबर पर बातें करते थे और फिर इस नंबर पर उनका कौल कैसे आता था???????...........
सोचते हुए सौमिल वो दस्तावेज बस खामोशी से देखता रहा।
© Deepa