...

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मैं जो भी लिखती हूं दिल से और सच लिखती हूं
मैं जो भी लिखती हूँ अक्सर सच
ही लिखती हूँ...!
मैं अपनी कलम से सारी असलयित
लिखती हूँ...!
कुछ लोगो को मेरे अल्फाज बुरे भी लगते होंगे
क्या करू गुस्से में आकर हकिकत भी
लिखती हूँ....!
कुछ लोग लेते हैं मेरा मजाक लेने दो कितना लेंगे
जो लेते हैं मजाक तभी उनकी
औकात लिखती हूँ....!
गहरे अल्फाज लिखने के लिए दिल मे जनून चाहिए
तभी तो अक्सर अकेले रहकर शायरी और कहानियाँ भी लिखती हूँ.....!



प्यार भी दिल से करती हूं चाहे वो मेरा परिवार हो, दोस्त हो, बॉयफ्रेंड हो या मेरे पालतू जानवर हो...!
अरे भाई जब प्यार किया है तो जगजाहिर करने में क्या जाता है...चाहे जिस से करो...!
कुछ लोगों को मेरे प्यार को जाहिर करने को लेके मजाक लगता है कि दिखा रही है लेकिन ऐसा है मुझे भी बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता है और ना मुझे किसी का डर है क्योंकि प्यार करना उसे जाहिर करना कोई अपराध नहीं है....😊
बाकी अपनी अपनी सोच.....





© kittu_writes