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तुम्हारी करीबी
मैं तुम्हारे जितने करीब आती हूँ
मुझे तुम मुझसे उतने ही दूर लगते हो
ये तब भी बरक़रार रहेंगी जब मैं तुम्हे छू भी लूँ
क्यूँकि मसला शहरों की दूरियों का नहीं
मसला तो मन की दूरियों का है
और मन की दूरियाँ
शहरों की दूरियों से कहीं ज्यादा होती है
-अंकिता
© All Rights Reserved
मुझे तुम मुझसे उतने ही दूर लगते हो
ये तब भी बरक़रार रहेंगी जब मैं तुम्हे छू भी लूँ
क्यूँकि मसला शहरों की दूरियों का नहीं
मसला तो मन की दूरियों का है
और मन की दूरियाँ
शहरों की दूरियों से कहीं ज्यादा होती है
-अंकिता
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