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अगर दूर ही रहना था तो
अगर दूर ही रहना था तो,
तुम्हें इतना ख्याल क्यों आया।
दिल के करीब आने की ख्वाहिश भी जिद है,
मगर अब दिल में जगह ही नहीं आया।
खुदा से दुआ है कि तुम्हें खुशियों का सफर मिले,
मुझे तुम्हारे बिना भी हर ख्वाब सही नजर आया।
दिल की बातें कहने को जुबां तक नहीं आती,
कभी तुम्हें याद कर रोके तो मन नहीं आया।
इश्क़ का मतलब पूछा तो आँखों में नमी आई,
तुम्हारे बिना जीना मुश्किल सा लगता है, ये सब दिखाने को कमी आया।
© Simrans
तुम्हें इतना ख्याल क्यों आया।
दिल के करीब आने की ख्वाहिश भी जिद है,
मगर अब दिल में जगह ही नहीं आया।
खुदा से दुआ है कि तुम्हें खुशियों का सफर मिले,
मुझे तुम्हारे बिना भी हर ख्वाब सही नजर आया।
दिल की बातें कहने को जुबां तक नहीं आती,
कभी तुम्हें याद कर रोके तो मन नहीं आया।
इश्क़ का मतलब पूछा तो आँखों में नमी आई,
तुम्हारे बिना जीना मुश्किल सा लगता है, ये सब दिखाने को कमी आया।
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