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ग़ज़ल ए सत्या ..✍️✍️ (ग़ज़ल )
हम जीवन में कोई मुश्किल देखते हैं
तो इस दिल में अपना क़ातिल देखते हैं

जिन्दगी के सफर में सैलाब आ गया
तो धोखेबाज पहले साहिल देखते हैं

मुद्दतों से गमो की महफ़िल है 'सत्या'
आज खुशियों में होके शामिल देखते हैं

लोग ऊपर से नीचे तक देखें तुझे पर
हम मदमस्त गालों पर तिल देखते हैं

आप दौलत , स्टेटस, रंगों में फंसे हो
हम लोगों का पहले तो दिल देखते हैं

जो शेर की मांद में घुस जाते चूहे
वो घबरा के फिर अपना बिल देखते हैं

वही लोग चढ़ते सफलता की सीढ़ी
जो केवल औ केवल मंजिल देखते हैं




© Shaayar Satya