28 views
आईना!
दिलो-दिमाग में हरदम हर्फ़ स्याह सोच रखते हो,
अजब बात है कि ख़ुदा से अपनी शिफ़ा मांगते हो,
आदम हो माना मगर हरकतें बेहद शैतान करते हो,
और ख़ुदा से अपनी सलामती की दुआ मांगते हो,
औरों की मेहनत बेशर्मी से लूटते,चखते डकारते हो,
ख़ुद के लिए क्यों आसमानी सुकूनो-समां मांगते हो,
भोले-भालों को मदारी जैसे तुम क्या खूब ठगते हो,
इबादत में अपने लिए, सुना है हरा ही हरा मांगते हो,
बेचते हो नशीला ज़हर खनकते सिक्कों की खातिर,
बेहद बीमार हो सुना है हकीम से जो दवा मांगते हो,
मैं तुम्हारी रूहानियत पर ऐतबार कर भी लूं माना,
सुना है तुम ख़ालिस सोने का बना ख़ुदा मांगते हो!
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
अजब बात है कि ख़ुदा से अपनी शिफ़ा मांगते हो,
आदम हो माना मगर हरकतें बेहद शैतान करते हो,
और ख़ुदा से अपनी सलामती की दुआ मांगते हो,
औरों की मेहनत बेशर्मी से लूटते,चखते डकारते हो,
ख़ुद के लिए क्यों आसमानी सुकूनो-समां मांगते हो,
भोले-भालों को मदारी जैसे तुम क्या खूब ठगते हो,
इबादत में अपने लिए, सुना है हरा ही हरा मांगते हो,
बेचते हो नशीला ज़हर खनकते सिक्कों की खातिर,
बेहद बीमार हो सुना है हकीम से जो दवा मांगते हो,
मैं तुम्हारी रूहानियत पर ऐतबार कर भी लूं माना,
सुना है तुम ख़ालिस सोने का बना ख़ुदा मांगते हो!
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal
Related Stories
54 Likes
27
Comments
54 Likes
27
Comments