...

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मिट्टी
मिट्टी हूँ मैं अनमोल
बिकती हूँ मैं अनमोल
पैरो तले रौंदी जाऊँ
वीरो के मस्तिष्क का
तिलक बन इठलाऊँ
जब बारिश गिरती है
तो मिट्टी महकती है
जब कुम्हार मिट्टी का
घडा बनाता है तो
वो तपकर मिट्टी मजबूत
बन जाती है
© Kushi2212