मिट्टी
मिट्टी हूँ मैं अनमोल
बिकती हूँ मैं अनमोल
पैरो तले रौंदी जाऊँ
वीरो के मस्तिष्क का
तिलक बन इठलाऊँ
जब बारिश गिरती है
तो मिट्टी महकती है
जब कुम्हार मिट्टी का
घडा बनाता है तो
वो तपकर मिट्टी मजबूत
बन जाती है
© Kushi2212
बिकती हूँ मैं अनमोल
पैरो तले रौंदी जाऊँ
वीरो के मस्तिष्क का
तिलक बन इठलाऊँ
जब बारिश गिरती है
तो मिट्टी महकती है
जब कुम्हार मिट्टी का
घडा बनाता है तो
वो तपकर मिट्टी मजबूत
बन जाती है
© Kushi2212
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