...

8 views

किसी मुलाकात में
किसी मुलाकात में जब
मोहब्बत का इज़हार हो

बची हुई हया
होंठों के पार हो

किसी रोज हम ऐसे सँवरे
जैसे हर दिन जश्न और त्योहार हो

तेरे आने से मेरी सुबह
तू जाए ढलकर शाम हो

तुझे देख हम गुनगुनाएं
तुझे देखने से मेरा आराम हो

तेरे आने से खुशियाँ
और रौशन बहार हो

कुछ ऐसा हो जाए
की हाथों में फूलों की हार हो

किसी मुलाकात में जब
मोहब्बत का इज़हार हो

© Karan

Related Stories