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वो कौन था।।
असल तदबीरों में आके हमसफर गुजर गए तो,
जो कारवां में रह गया वो कौन था।।
दिल में आज भी वही कायम हैं तो,
जो अश्कों में बह गया वो कौन था।।
बंदे कुछ चंद ही हैं जहां में,
जहा देखो सैतान ही जिंदा हैं तो,जो मर गया वो कौन था।।
जुस्तजू जहां भर की लिए चले,और हासिल फक्त मलाल,
वहम सारे दरिया में डूब गए तो,जो पार गया वो कौन था।।
जिन्दगी एक खेल हैं शोगियों का,कई मोहरे लिए फिरते हैं खनक,
कुनबे की मुलासमतों में सभी जीत गए तो,
जो हार गया वो कौन था।।
तहजीब का पैमाना हैं एयारी,"शायर"
अंजुमन अभी लिहाजदारों से रवा हैं तो,
जो महफिलों से बेकदर गया वो कौन था।।
स्वरचित
© yyours fellow
जो कारवां में रह गया वो कौन था।।
दिल में आज भी वही कायम हैं तो,
जो अश्कों में बह गया वो कौन था।।
बंदे कुछ चंद ही हैं जहां में,
जहा देखो सैतान ही जिंदा हैं तो,जो मर गया वो कौन था।।
जुस्तजू जहां भर की लिए चले,और हासिल फक्त मलाल,
वहम सारे दरिया में डूब गए तो,जो पार गया वो कौन था।।
जिन्दगी एक खेल हैं शोगियों का,कई मोहरे लिए फिरते हैं खनक,
कुनबे की मुलासमतों में सभी जीत गए तो,
जो हार गया वो कौन था।।
तहजीब का पैमाना हैं एयारी,"शायर"
अंजुमन अभी लिहाजदारों से रवा हैं तो,
जो महफिलों से बेकदर गया वो कौन था।।
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