...

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मोहब्बत में आज़माइश होती है
हर बार मोहब्बत का अंजाम मिलन हो ये ज़रूरी तो नहीं,
किसी किसी मोहब्बत का अंजाम आज़माइश भी हुआ करता है।
ख़ुशकिस्मती से मिल जाता है उम्र भर का साथ,
किसी किसी मोहब्बत का अंजाम
ख़लिश (चुभन, कसक) भी हुआ करता है।
हर मोहब्बत को नसीब हो विवाह के बंधन का सौभाग्य,
ऐसा ज़रूरी तो नहीं,
किसी किसी मोहब्बत का अंजाम
आसाइश (आराम) नहीं होता है।
देखी हैं हमने इश्क़-ओ-मोहब्बत में बरबाद होती जवानियाँ,
शुरू होते ही ख़त्म होती कहानियाँ,
सुनी हैं हमने भी दास्तान-ए-मोहब्बत में मिट जाने की दास्तान,
दुनिया की रंगीनियों में अकेलेपन की निशानियाँ।
जब करते हो मोहब्बत तो पहले ये फैसला कर लो,
महबूब की सोहबत न भी हो तो ज़िंदा रह पाओगे,
न मिटने दोगे नाम वफ़ा का दिल-ओ-दुनिया से,
इन्हीं जज़्बों से तो दुनिया में प्यार की ख़ुशबू की पैदाइश होती है।
क्या हुआ जो किसी किसी मोहब्बत के नसीब में आज़माइश होती है।
#Love&love #motivational
Don't fall in love
Rise in love
© Haniya kaur