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प्रिय वक्त, - उम्मीद वो रस्सी है
प्रिय वक्त,
समय की गति निरंतर चलती रहती है, जैसे कि नदी का पानी अपनी मार्ग ढूंढता है। आज मैं आपसे इस उम्मीद के साथ पुनः संवाद कर रही हूँ कि आपकी राह में कुछ शब्द छोड़ सकूं।
जैसे कि आप जानते हैं, उम्मीद वो रस्सी है जो हमें जीने की ताकत और साहस देती है। जैसे ही हम उस रस्सी से जुड़ी रहें, हमारी क्षमता और समर्थन बढ़ता जाता है।
आपके साथ बिताए वक्त ने मुझे सीखाया है कि समय के साथ कैसे जुड़कर अपनी क्षमताओं को विकसित किया जा सकता है। आपकी मार्गदर्शन से मुझे नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
आपकी,
© Simrans
समय की गति निरंतर चलती रहती है, जैसे कि नदी का पानी अपनी मार्ग ढूंढता है। आज मैं आपसे इस उम्मीद के साथ पुनः संवाद कर रही हूँ कि आपकी राह में कुछ शब्द छोड़ सकूं।
जैसे कि आप जानते हैं, उम्मीद वो रस्सी है जो हमें जीने की ताकत और साहस देती है। जैसे ही हम उस रस्सी से जुड़ी रहें, हमारी क्षमता और समर्थन बढ़ता जाता है।
आपके साथ बिताए वक्त ने मुझे सीखाया है कि समय के साथ कैसे जुड़कर अपनी क्षमताओं को विकसित किया जा सकता है। आपकी मार्गदर्शन से मुझे नई ऊँचाइयों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
आपकी,
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