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फिर से।
आ रहा हूं।
खुद से ही खफा होके।
खुद से ही रूठा रूठा हुआ
मैं।
आ रहा हूं।
एक दफा फिर तुम्हारे पास
फिर से तुम्हारा होने।
एक गुमनाम ख्वाब को
अपने जहन में बसाये हुए।
खुद से ज़ुदा हो गए थे हम
तुम से बिछड़ने के बाद से।
आ रहा हूं तेरे पास
टूटे बिखरे सपनो को
तेरे पास फिर सजोने।
जो टूट के बिखर गए थे हम।
आ रहा हूं फिर उन जख्मों
को मरहम मरहम करने।
हुयी है जो कुछ खता मुझसे।
हुई है जो कुछ खता तुझसे।
बस तुझ से माफी की
उम्मीद अब रखता हूँ।
मैं बस तेरे ही पास
चला आ रहा हू।
फिर से तुम्हारा होने।
तू अपनाए या फ़िर
मुझ को दफना ये।
अब तेरे हाथ में है।
अपने सारे अरमान
अपने सारे अहसास
तेरे कदमों में मै रखता हूं।
तेरा था। तेरा हूं। तेरा ही
होना चाहता हूं।
© KRISHAN ☑️
खुद से ही खफा होके।
खुद से ही रूठा रूठा हुआ
मैं।
आ रहा हूं।
एक दफा फिर तुम्हारे पास
फिर से तुम्हारा होने।
एक गुमनाम ख्वाब को
अपने जहन में बसाये हुए।
खुद से ज़ुदा हो गए थे हम
तुम से बिछड़ने के बाद से।
आ रहा हूं तेरे पास
टूटे बिखरे सपनो को
तेरे पास फिर सजोने।
जो टूट के बिखर गए थे हम।
आ रहा हूं फिर उन जख्मों
को मरहम मरहम करने।
हुयी है जो कुछ खता मुझसे।
हुई है जो कुछ खता तुझसे।
बस तुझ से माफी की
उम्मीद अब रखता हूँ।
मैं बस तेरे ही पास
चला आ रहा हू।
फिर से तुम्हारा होने।
तू अपनाए या फ़िर
मुझ को दफना ये।
अब तेरे हाथ में है।
अपने सारे अरमान
अपने सारे अहसास
तेरे कदमों में मै रखता हूं।
तेरा था। तेरा हूं। तेरा ही
होना चाहता हूं।
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