...

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तन्हाइ !
छोड़ जाना हमेंशा ही सबकी आदत थी,
और उन्हें जाने देना मेरी!
यूँ अकेले रहना अच्छा तो नहीं लगता मुझे,
पर जबरदस्ती करना मेरा हक भी नहीं!
ख्याल है मुझे अपनी तन्हाइयों का,
गिरते हौसलों का!
रोक लेने का मन होता है,
पर जो एक बार मन बना ले जाने का तो उसे रोकने का फायदा नहीं!

© aaru