...

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तुम्हें देख कर..
तुम्हें देख कर शब और सहर हो रही है,
जिंदगी तुम्हारे पहलू में बसर हो रही है.

जबसे तुमने थामा है मेरा हाथ प्यार से,
तकलीफें, परेशानी बे_असर हो रही है.

खुशियां हमारी करने लगी है अब शोर,
हम दोनो में मोहब्बत जमकर हो रही है.

हम, हम है हम दोनो जैसा कोई नही है,
हमारी बाते ज़माने में अक्सर हो रही है.

हम तुम साथ है, साथ है खुशी के मेले,
हम पे रब की, इनायते_नजर हो रही है.

© एहसास ए मानसी