...

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#दुनियां का दस्तूर
इस धूप से तप्ती राहों पर हर कोई गुजरता है
हर कोई चलता है यहां, हर कोई बिछड़ता है
आसान नहीं होता पर, चलना पड़ता है
जो किया था वादा खुदा से,
फिर मिलने का ,वह चुकाना पड़ता है
कोई जाना नहीं चाहता, छोड़कर अपनों को, पर दुनिया का दस्तूर है यह, निभाना पड़ता है
एक दिन हर किसी को छोड़ दुनियां, जाना पड़ता है