...

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कर्म
कुछ कहना कुछ सुनना नहीं
बस सिर्फ कर्म करते जाना है।
कर्म जीवन का उद्देश्य बना
सपने नये सजाना है।
मिलता है फल या नहीं
ये नहीं सोच में लाना है।
अपने कर पर विश्वास कर
प्रभु का नाम ध्याना है।।

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