...

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इक तरफ़ा प्यार…..
चाँदनी चाँद से कह रही है यही,
तू मेरे लिये और मैं तेरे लिये बनी…
महसूस कर तू इर्द गिर्द सितारों को,
मैं उनकी महफ़िल में तेरे लिए लड़ी…

ले झुक गई मैं और
झुक गया यह आसमान भी,
यह बात तू भी मान ले
लिखी जा चुकी है अपनी दास्तान भी …
ख़रीद लूँ हर क़ीमत पे
हँसी तेरे लवों के लिए,
मेरा प्यार बहुत serious है
यह बात नहीं है कोई funny…
चाँदनी चाँद से कह रही है यही,
तू मेरे लिये और मैं तेरे लिये बनी…

ख़ूबसूरत है यह राहे जो
प्यार के पास आती,
चलकर तुम भी देखो ना
जो जन्नत से मिलवाती…
देखो ना इश्क़ के बादलों में
छुपी है अपने मिलने कि घड़ी,
अरे पागल ज़्यादा सोच ना
अपनी क़िस्मत बहुत है धनी…
चाँदनी चाँद से कह रही है यही,
तू मेरे लिये और मैं तेरे लिये बनी…

यह नज़म जो मैंने लिखी
“जिंद” और भी लिखी हूँ मैं,
मेरी एक बात को मान लेना
सिर्फ़ खुदा और तेरे आगे झुकी हूँ मैं…
चल छोड़ ना यह वक़्त
मेरे इम्तिहान का है,
मैं मान लेती हूँ
तुम हो मेरे एक तरफ़े प्यार के हनी…
चाँदनी चाँद से कह रही है यही,
तू मेरे लिये और मैं तेरे लिये बनी…


#जलते_अक्षर

© ਜਲਦੇ_ਅੱਖਰ✍🏻