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दिल से उठती हैं हूकें...
दिल से उठती हैं हूकें।
अब जख्म ये जल्दी सूखेंं।।
उफ उसकी वो नजरें।
दिल पे चल गईं बंदूकें।।
उफ उसकी वो आवाज।
जैसे कोयल की कूंकें।।
खैर हम तो थे बेगाने।
वो अपनों को ना चूकें।।
ऐसे कर्म करो मत।
कि दुनियां वाले थूकें।।
© राम अवतार "राम"
अब जख्म ये जल्दी सूखेंं।।
उफ उसकी वो नजरें।
दिल पे चल गईं बंदूकें।।
उफ उसकी वो आवाज।
जैसे कोयल की कूंकें।।
खैर हम तो थे बेगाने।
वो अपनों को ना चूकें।।
ऐसे कर्म करो मत।
कि दुनियां वाले थूकें।।
© राम अवतार "राम"
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