...

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Respecte for Women
किसी ने मुझसे पूछा बहुत संस्कारी बनते हो,लड़कियों की इतनी इज्जत क्यों करते हो।
करती है लड़किया इस्तेमाल लडको का, उठाती है फायदा तुम्हारे भोलेपन का।
तब मेने कहा?

सजा कर सपनो को आंखों में,आई वो दूर अपनों से।
रहने लगी अकेली सी वो,फिर दोस्त बने कुछ जो लगे अपने से।
इस कलयुग सी दुनिया में विश्वास किया मुझपर उसने,केसे टूटने दूं मै सपने उसके।
हालांकि मैं राम सा मर्यादित नहीं,पर रावण सा कपटी भी तो नहीं।
केसे टूटने दूं विश्वास उस लड़की का जो इस कलयुग में भी मुझे द्रोपदी सा मानती हो
© Abhishek Mehta