...

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तुम
रीत नही
प्रीत हो तुम

शब्द नही
गीत हो तुम

मेरी हार में ही
जीत हो तुम

जो हो न सके
वो मीत हो तुम

जीवन की इस बेला में
मधुर संगीत हो तुम

बस जो कुछ भी हो
मेरे बहुत करीब हो तुम
© रविन्द्र "समय"