तुम
रीत नही
प्रीत हो तुम
शब्द नही
गीत हो तुम
मेरी हार में ही
जीत हो तुम
जो हो न सके
वो मीत हो तुम
जीवन की इस बेला में
मधुर संगीत हो तुम
बस जो कुछ भी हो
मेरे बहुत करीब हो तुम
© रविन्द्र "समय"
प्रीत हो तुम
शब्द नही
गीत हो तुम
मेरी हार में ही
जीत हो तुम
जो हो न सके
वो मीत हो तुम
जीवन की इस बेला में
मधुर संगीत हो तुम
बस जो कुछ भी हो
मेरे बहुत करीब हो तुम
© रविन्द्र "समय"
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