...

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दर्जा तेरा
दर्जा तेरा दिल मे
मेरे ख़ुदा सा था
औरों से तुझें समझा
मैने जुदा सा था
टूट गया मेरा भ्रम भी ये
देखा तुझें जब क़रीब से
तो तू कुछ और नही
सिर्फ़ और सिर्फ़ इक़
बदी का बुत सा था।

© अनिल अरोड़ा "अपूर्व "