...

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ईदी
पहले तो खुद आरोप लगाये

जो एक था

उसी की वजह से सबको सताये

दिमाग मे गुस्सा

मन में आग सुलागाये

पहले की तरह भाईचारा न रहा

मन में खिन्नता का गहरा साया भरा पड़ा

उस पर हम बोलते हैं "ईद मुबारक"।।

#सांप्रदायिकता #

—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —
© Anki

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