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निंद भी नहीं आती और सोने का मन करता है
निंद भी नहीं आती और सोने का मन करता है
आंखों को बंद कर के तुम्हे सपनो में मिलने का मन करता है ।
बैठो सिरहाने मेरे, बालों में उंगलियां फेर कर मुझे सुलाओ
मेरा तुम्हारी गोद में सिर रखकर सोने का मन करता है ।
मै जो सो जाऊं गर, तो तुम कही जाना मत, नही यही सो जाना
आज मेरा तुमसे लिपटकर सोने का मन करता है ।
© NyN ..
आंखों को बंद कर के तुम्हे सपनो में मिलने का मन करता है ।
बैठो सिरहाने मेरे, बालों में उंगलियां फेर कर मुझे सुलाओ
मेरा तुम्हारी गोद में सिर रखकर सोने का मन करता है ।
मै जो सो जाऊं गर, तो तुम कही जाना मत, नही यही सो जाना
आज मेरा तुमसे लिपटकर सोने का मन करता है ।
© NyN ..
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