हम रूह पर इत्र लगाते कहांँ हैं ?
मयखाने जाम छलकाते कहांँ हैं ?
लरज़ीदा हाथों में आते कहांँ हैं ?
धूप खिली नही मुद्दतों से यहाँ
सब गीले गम सुखाते कहांँ हैं ?
ये नया घर बुजुर्गों का...
लरज़ीदा हाथों में आते कहांँ हैं ?
धूप खिली नही मुद्दतों से यहाँ
सब गीले गम सुखाते कहांँ हैं ?
ये नया घर बुजुर्गों का...