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झूल्फ़ों की छाँव में
“ झूल्फ़ों की छाँव में, छुपी चांदनी की तरह, रात की रानी से भी, मधुर कहानी की तरह।
तुम्हारी झूल्फ़ों में, कशिश ऐसी बसी, जैसे बारिश के बाद, हवा में ताज़गी की तरह।
सपनों की राहों में, सुकून का एहसास हो, तुम्हारी झूल्फ़ों की छाँव में, हर दिन खास हो।
हर लम्हा गुजर जाए, तुम्हारी अदाओं में, झूल्फ़ों की छाँव में, मैं खो जाऊं दुआओं में।”


© नि:शब्द