...

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हमारे रिश्ते...
दोस्ती के नाम पे थोड़ा ज्यादा हक जता जाती हूं,
इस रिश्ते की परिभाषा न दे पाती हूं।

वैसे तो हमारा रिश्ता अनमोल है,
दोस्ती से ज्यादा प्यार से स्वलप है।

तेरा रूठके मुंह फेरना न सह पाती हूं,
हां, मै मायूस हो जाती हूं।

इस रिश्ते की खातिर प्यार कुर्बान है,
कोई कुछ भी बोले, तेरे लिए जान निसार है।

हम ना बिछड़ेंगे कभी, ऐसा तुझे विश्वास है,
तेरे इस विश्वास पे मुझे विश्वास है।

हमारा रिश्ता किसी नाम का मोहताज नहीं, एक दूसरे के साथ का मोहताज है,
दरार न आए इस रिश्ते पे, मेरे लब पे यही दुआ है।

तेरे हर दर्द का मुझे एहसास है,
हमारे इस रिश्ते पे मुझे नाज़ है।