...

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भजन
सांवरिया साँचों थारो दरबार है।
झूठों सारो सगलो यो संसार है।
जो भी श्याम थारी चरणा में आया
वा का सगळा बेड़ा जग में पार है ।।

मन का मुखड़ा थाका मा न तो भाया।
दुख सगळा मैं थाकि चरणों में लाया।
सुन लो श्याम धनी थ माखी बाता तो,
थाका दर्शन को दूर सूं मैं आया ।

श्याम थाकि चरणों मे चारों धाम है
सगळा होता थाकि चरणा में काम है
गूजे धरा पर एक नाम सावरियों,
मेवाड़ में बिराजै वो एक नाम है।।
मोहित जागेटिया
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