...

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तुम, बस तुम...
मेरे ख़्वाबों का जागता रूप हो,
मेरी चाहत का खिलता अरमान हो,
इन आँखों के नज़ारों का सुकून हो,
इन खिलती कलियों की महक हो,
मेरी तेज़ होती साँसों की वजह हो,
इन बहती नदियों की ठंडक हो,
इन चटकती बालियों की आवाज़ हो,
चहकती फिरती चिड़ियों का गीत हो,
कंगन की खनक पायल की झंकार हो,
सूरज की लालिमा चाँद की रोशनी हो,
दिल में उठते तूफ़ान की ख्वाइश हो,
गुज़रे हसीन वक़्त की यादों की मूर्त हो,

© feelmyrhymes {@S}