...

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Nari
नारी तुम क्यों सहती अत्याचार हो
है आज की यह बात नहीं
युगों -युगों का इतिहास है।
हुआ तुम्हारा सदा उपहास है
तुम क्यों सहती रही दुनिया का उत्पीड़न हो।

तुम खुद में एक नव जीवन हो,
तुम खुद में माँ दुर्गा, काली पाओ ना
इस दुष्कर्मी समाज से खुद को मुक्ति
दिलवाओ न।। रानी लक्ष्मी बाई बन
अत्याचारों को मिटाओ ना। बन कल्पना चावला तुम अंतरिक्ष को छू आओ ना
इस पुरुष बादी समाज में तुम अपना अस्तित्व बनाओ ना ।।
छोड़ो सबको पीछे तुम महा शक्ति हो
जो सारा जग ना कर पाए वो तुम कर दिखलाओ ना।
बन इंदिरा गांधी सी तुम दुश्मन को धूल चटाओ ना। बन जाओ भारत का गौरव तुम
फिर विश्व विजेता केहलाओ ना।।

~Aadi Raj*