...

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अब हम बातें नहीं करते
पता नहीं ऐसा क्या हुआ
की हमारे होंठ सिल गए
अब हम बातें ही नहीं करते
जब से हमारी खामोशियों के पास
बहुत कुछ है कहने को।

पर खामोशियों की कुलबुलाहट भी
समझ नहीं आती
अश्क के मोती बिखेरते बिखेरते
आंखों के इशारे भी ठंडे पड़ गए
भावनाएं भी चट्टान की तरह
सख्त हो चली है
रिश्तो की गर्माहट
ना जाने कहां धुआं हो गई।

एक दूसरे का स्पर्श अब कांटों सा चुभता
पहले कभी एक बार भी
हिचकिचाए नहीं उनके हाथों को थामने को आज हाथ पकड़ने को क्यों
10 बार मन है सोचता
उसके साथ को मैं तरसती हूं
मन करता है उसके प्यार की बारिश में
सराबोर हो जाऊं
पर अब सिर्फ सन्नाटा है चारों तरफ
और एक कभी न खत्म होने वाली चुप्पी
पता नहीं ऐसा क्या हुआ
की अब हम बातें नहीं करते।।।।।।

3rd Aug 2021
1:38am
© Rohini Sharma