...

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नींदे उड़ा दी है तुमने मेरी।
तुम यादों में मेरी
जब से आए हो।

नींदें उड़ा दी है तुमने मेरी
चैन जाने कहां खो गया

सांसों में बेकरारी सी रहती हैं
हर पल अब तुझ से ही मिलने की
मुझे खुमारी सी चढ़ी रहती हैं

इस दिल को करार आता नही है
अब तुम्हारे बिन
सुकून तुमसे से ही तो है मेरा

क्यो ये तू समझ पाता नही है।
की तेरे बिना मैं रह पाता नही हू।

अक्सर रातों को जागकर
तारे गिनता हूं मैं
तुझे ही याद करता हूं मैं
जगनुओ के संग
तेरी बतियां करता हूं मैं।

उस ठंडी महकती
चांदनी रात में
बैठ कर , तेरे ख्याल लेकर
सपने ख़्वाब मैं तेरे लेकर

उंगलियों से तारो में
तेरी तस्वीर बनाने की
कोशिश करता हूं मैं।

कभी जगनुओ संग
कभी तारों संग
तो कभी उस चंदा संग
तुम्हारी बात कर के
रात गुजारता हुं मैं।

Krishan