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शांति की लहर
*शांति की लहर*

शब्दों से अधिक मौन की, कीमत तुम पहचानो
अपने मन में तुम इसको, धारण करने की ठानो

कुछ ना कुछ बोलने को, ये मन तुम्हें उकसाएगा
न कहने वाला शब्द ही, वाणी से निकल जाएगा

पछतावा होगा तुम्हें, निराशा भी बहुत सताएगी
तुम्हारी हिम्मत की डोर भी, टूटती नजर आएगी

निराशा छोड़कर तुम, यही प्रयास फिर दोहराना
मौन को धारण करने का, अभ्यास करते जाना

वो दिन भी आयेगा जब, सफलता मिल जाएगी
तुम्हारे अन्दर मौन की, शक्ति संचित हो जाएगी

कल्याण हो जिसमें, मुख पर शब्द वही आएगा
तुम्हारा सामान्य शब्द भी, महावक्य कहलाएगा

शिखर वही पुरुषार्थ का, छूकर तुम दिखलाओ
मौन बल से चारों और, शांति की लहर फैलाओ

*ॐ शांति*

*मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान*
© Bk mukesh modi