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#रहने दिया
#रहने-दिया
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
बढे आगे उम्मीद का दिया जलने दिया
लगे है आसमाँ जैसा मगर आसमाँ नहीं है
नज़र आता है अक़्सर जो होता नहीं है
तुम अपने अक्स में क्या देखते हो बताओ
तुम्हारा अक्स भी तो देखो तुम सा नहीं है
मिले जब तुम तो ये एहसास जाग उठा था
अब आगे का कोई भी सफ़र तन्हा नहीं है
बहुत सोचा है समझा है हमने ज़िंदगी पर
मगर लगता है अब जैसे कुछ सोचा नहीं है
यही जाना है हमने कि कुछ नहीं जाना
यही समझा है हमने कुछ समझा नहीं है
यक़ीं का दाएरा देखा है बता यहाँ किसने
गुमाँ के दाएरे में लिख दो क्या क्या नहीं है
यहाँ तो सिलसिले ही सिलसिले हैं इश्क के
कोई भी वाक़िआ अकेला सा तन्हा नहीं है
बंधे हैं काएनाती बंधनों में हम सभी यहाँ
कोई बंधन किसी को मगर दिखता नहीं है
हो किस निस्बत से तुम यहाँ हमारे पास
मिले जो नसीब से तो तुम्हें खोना नहीं है
NOOR EY ISHAL
© All Rights Reserved
जो छूटा जहां उसको वही रहने दिया,
सोचा नहीं जो हुआ उसे होने दिया;
थम जाएं ऐसों से ख़ुद न मिलने दिया,
बढे आगे उम्मीद का दिया जलने दिया
लगे है आसमाँ जैसा मगर आसमाँ नहीं है
नज़र आता है अक़्सर जो होता नहीं है
तुम अपने अक्स में क्या देखते हो बताओ
तुम्हारा अक्स भी तो देखो तुम सा नहीं है
मिले जब तुम तो ये एहसास जाग उठा था
अब आगे का कोई भी सफ़र तन्हा नहीं है
बहुत सोचा है समझा है हमने ज़िंदगी पर
मगर लगता है अब जैसे कुछ सोचा नहीं है
यही जाना है हमने कि कुछ नहीं जाना
यही समझा है हमने कुछ समझा नहीं है
यक़ीं का दाएरा देखा है बता यहाँ किसने
गुमाँ के दाएरे में लिख दो क्या क्या नहीं है
यहाँ तो सिलसिले ही सिलसिले हैं इश्क के
कोई भी वाक़िआ अकेला सा तन्हा नहीं है
बंधे हैं काएनाती बंधनों में हम सभी यहाँ
कोई बंधन किसी को मगर दिखता नहीं है
हो किस निस्बत से तुम यहाँ हमारे पास
मिले जो नसीब से तो तुम्हें खोना नहीं है
NOOR EY ISHAL
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