...

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अब मेरे रब हो तुम
मेरी मौसकी,दिलनशी,दिलकशी हो तुम
मेरी खुश मिजाजी का जरिया हो
धून में ही रहता हुं हर पल तेरे
मेरी बंदगी, जिंदगी और आशिकी हो तुम ।

मेरा प्यार,एतबार, इंतजार हो तुम
मेरे वीराने की शाद हो
बंजर सा है ये जहा तेरे बिन
मेरा गुरुर, तड़प और करार हो तुम ।

मेरी नज्में, गजले, कलम हो तुम
मेरे शायरियों के अल्फाज हो
बिन तेरे तो मैं कुछ भी न लिख पाऊं
मेरी स्याही, कागज़ और आलम हो तुम ।

मेरा जाम, इंतेजाम, नशा हों तुम
मेरे मैखाने की साकी हो
इस कदर लगी है लत तेरी
मेरा कश, रश्क अब बेतहशा हों तुम ।

मेरी हसरत, अरमान, तलब हों तुम
मेरे जज्बातों के खरीदार भी हो
यूंही मुकल्लम अब ये साथ रहे
मेरे जीने का सबब, अब मेरे रब हो तुम ।

© NyN ..