...

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Hamein Aash Thi
हमें उनसे कुछ आस थी।
क्योंकि उनके अंदाज़-ए-बयान,
में कुछ खास थी।
अक्सर महफ़िल-ए-इश्क में आकार,
वो मोहब्बत का पता पूछ लेते।
कहते थे खाली है दिल का,
चमन-बे-ज़ार हमारा।
हमने भी ब-इजाजत उनकी,
कोशिश की थी
जाने की दिल के मोहल्ले में उनके
मगर हुसन-ए-बाजार में उनके
किरायेदार बहुत थे।

#WorldPoetryDay
© Aman Sri

चमन-बे-ज़ार - Garden
ब-इजाजत - By permission