...

7 views

ओ रे चिड़िया ।
#TheUnrequitedLove

ओ रे चिड़िया , खो के उडारिया कहाँ चली ?
खो के वोह मसुम्यत - कहाँ उड़ान भारी ?
वोह तेरी खिल्ती हुई हासि ;
वोह तेरी लहराती हुई जुल्फे - कहती थी तेरी ज़िन्दगानी ।
वोह तेरी एक झलक - जेसी बहती हुई नदी ।
तेरी एक वोह लवज - जो खोल दे सवर्ण भंडार ,
तेरी मुकबिला कोई नही -
पर तुह है कहा ?

कही उस जिन्दगी की जुलुस में तोह नह भष्म हुई ?
कही उस तनब से अभ- भी ना उभरी ?
कही सबकी सब राय से खुद को समेट ली ?
कही ज़ीने से मुह तो ना मोर्ढ़ ली ?

तेरी वापसी की इन्तज़र रेहगी ।
अंधेरा तेरी कुछ ना बिगर्ढ़ पाय -
दस्तक हो खुशियों का :
तुह खुद को पहचान तेरी गीत खुब प्रसिद्ध होगी ।


© _silent_vocal_